वभिन्न राज्यों के जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के नियम एवं प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) यह बताते हैं कि हर जिले में डीएमएफ को अपने फण्ड के उपयोग के लिए वार्षिक योजना अभ्यास के माध्यम से कार्यों की पहचान और प्राथमिकता देने के लिए किया जाना चाहिए। डीएमएफ योजना के लिए दो स्पष्ट मुद्दों को रेखांकित किया गया हैः जिलों को सहभागी ग्राम सभा के माध्यम से स्थानीय नियोजन अभ्यास करना चाहिए, औरखनन प्रभावित क्षेत्रों में स्पष्ट ‘उच्च प्राथमिकता’ वाले मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, जो प्रभावित लोगों के कल्याण और लाभ को बढ़ा सके।
इन दोनों विनिर्देशों को खनन संबंधित संचालन से प्रभावित लोगों के ’हित और लाभ’ के लिए डीएमएफ फण्ड की इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है। इसके लिए, जिलों को व्यवस्थित एवं व्यापक दृष्टिकोण अपनाते
हुए डीएमएफ योजनाओं को विकसित करने की जरूरत है। यह अव्यवस्थित और प्रतिक्रियाशील योजना, खराब निवेश और विशेष रुचि हस्तक्षेपों की संभावनाओं को कम करने में भी मदद करेगा।
इस प्रभाव के लिए, चतरा जिले के लिए एक सूचक डीएमएफ योजना प्रस्तावित है। इस अभ्यास का उद्देश्य प्राथमिकताओं की पहचान करने और आउटपुट-आउटकम दृष्टिकोण के आधार पर डीएमएफ द्वारा योजना लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए एक टेम्पलेट प्रदान करना है, जिसे जिला अपने वार्षिक और डीएमएफ बजट के अनुरूप कर सकती है। यह अधिक स्थिर निवेश को सक्षम करने के प्रयास के रूप में भी है, क्योंकि सूचक योजना खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों, ग्राम पंचायत के सदस्यों, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों और ब्लॉक और जिला स्तर अधिकारियों--जो इसके हितधारक हैं के साथ परामर्श कर बनायी गई है।
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