उत्तरप्रदेश में शहर स्तरीय समावेशी स्वच्छता के लिए सेप्टेज प्रबंधन

July 29, 2022

उत्तर प्रदेश में, 95 प्रतिशत शहर और कस्बे पूरी तरह से सेप्टेज आधारित स्वच्छता प्रणालियों पर निर्भर हैं। राज्य के कुल 734 कस्बो में से केवल 31 में आंशिक सीवरेज सिस्टम कवरेज है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी)1 की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार यह प्रणाली कुल अपशिष्ट के केवल 40 प्रतिशत हिस्से का उपचार करने में सक्षम है।

अतः फीकल स्लज और सेप्टेज का सतत और वैज्ञानिक प्रबंधन यूपी की प्राथमिकता है। सेप्टेज सिस्टम पर निर्भर लोग ज्यादातर सबसे गरीब और हाशिए की आबादी का हिस्सा होते हैं जिससे सेप्टेज प्रबंधन सामाजिक समावेशी के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है, महिलाएं और अन्य वंचित वर्ग अक्सर खराब स्वच्छता से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। एक प्रभावी और किफायती सेप्टेज प्रबंधन प्रणाली कई महत्वपूर्ण सामाजिक, पर्यावरणीय और सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणाम उत्पन्न करेगी।

राज्य की फीकल स्लज एंड सेप्टेज मैनेजमेंट (एफएसएसएम ) नीति 2023 तक पूरे राज्य के सेप्टेज प्रबंधन का इंतेज़ाम करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले दो वर्षों में, कोविड 19 महामारी के फलस्वरूप हुई मंदी के बावजूद, यूपी ने सेप्टेज के बुनियादी ढांचे के निर्माण में निवेश करने और अपने 59 शहरों के लिए ओडीएफ ++ का दर्जा हासिल करने में सफलता हासिल की है।

 

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